मिड डे मील में बच्चो तक कैसे पहुंचे सरकारी अनाज जब...

रिपोर्ट---गोपाल सिंह 


 


जो खबर हमारे पास आ रही है वो अगर सही है तो ये बात समझनी आसान हो जाएगी के मिड डे मील के नाम पर प्राथमिक विधायलयों के बच्चों को क्यों मिलती है नमक रोटी। इन तस्वीरों को आप गौर से देखिए इन बोरियों में बच्चों का पौष्टिक आहार भरा पड़ा है जो लखनऊ के ठाकुर गंज स्थित एक आंगन बाड़ी कार्यकर्ती के घर मे उतारा जा रहा है।

 


 

सूत्र बताते है कि ये सामान इनके घर मे हर हफ्ते आता है लेकिन वो यहां से बेच दिया इसमे जो पंजीरी आती है वो ग्वालो को बेच दिया जाता है बाकी दुकानदारों को बेच दिया जाता है हालांकि इन बोरियों पे साफ लिखा है कि ये बिक्री के लिए नही है फिर भी अपनी जेब गर्म करने और बच्चों से उनका निवाला छीनने वाले लोग इस तरह के काम को बखूबी कर रहे हैं।

 


 

ये तस्वीरें ठाकुरगंज चौराहे के पास चौमुखी प्लाज़ा के पीछे बसी कालोनी की है जहां आंगनबाड़ी की महिला खुद इन सामानों को अपने सुपुर्द लेती हैं यहां डाला और ई रिक्शा बकायदा क्रमबद्ध आते हैं और माल उतार कर चले जाते हैं वही खरीदार भी अपना अपना वाहन लेकर आते हैं और सामान अपनी जरूरत के हिसाब से ले कर चले जाते हैं मानो ये घर नही कोई सरकारी राशन की दुकान हो।

 


 

तस्वीर भेजने वाले ने जो बताया है उससे साफ जाहिर होता है कि यहां बच्चों के पेट का निवाला छीनने का पूरा कार्यक्रम होता है अगर ऐसा ना होता तो जो मिड डे मील की खबरें आ रही हैं वो कभी सुर्खी ना बटोर पाती और बच्चों को नमक रोटी ना मिलती।यहां सरकार की साफ मंशा को धूमिल करने का गंदा खेल चल रहा है आज जो हम तक पहुंचा वो शायद शासन प्रशासन तक भी पहुंचे और इस मामले को गंभीरता से लेकर दोषियों पर कार्रवाई की जा सके।

 


 

वैसे आपको बता दें कि हमने भी खाली सूत्र के आधार पर ही खबर नही चलाई है बल्कि हम खुद उस जगह पे गए जहां की तस्वीर थी वहां जा कर हमने देखा कि वहाँ मौहल्ले में ही एक महिला रहती है जो आंगनबाड़ी में हैं उन्होंने सब सामन जो निजी वाहन से आये थे उन्हें एक रजिस्टर पे लिख के रखा अब सवाल ये उठता है कि सरकारी अवकाश के दिन सरकारी सामान जिस पर बकायदा लिखा हो कि ये बिक्री के लिए नही है वो क्यों उतारा जाएगा और अगर सामन वहां निजी आवास में रखा भी गया तो निजी वाहन का प्रयोग क्यों हुआ इसलिए संदेह होना भी लाज़मी था क्योंकि वहां जो सुना वो संदेह को और भी बढाने वाला था।