रिपोर्ट---रज़िया बानो खान
मोदी सरकार-2 का बही खाता पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सभी सेक्टर्स को खुश करने की पूरी कोशिश की है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई उपायों की घोषणा की गई है। साथ ही सभी क्षेत्रों को राहत पहुंचाने एवं कर संग्रह बढ़ाने की दिशा में सरकार बढ़ती हुई दिखी है। वित्त मंत्री ने बताया कि प्रत्यक्ष कर संग्रह 78 प्रतिशत बढ़ा है। 2013-14 में कर संग्रह 6.38 लाख करोड़ रुपए था जो 2018 में बढ़कर 11.37 लाख करोड़ रुपए हुआ है।
मोदी सरकार-1 के अंतिम बजट में मध्यमवर्गीय परिवारों को आयकर में दी गई राहत को बरकरार रखते हुए 5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगाने का एलान किया है। वहीं 2 करोड़ तक की आय वालों के टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है लेकिन सरकार ने देश के विकास में भागीदार निभाने के लिए अमीरों के टैक्स पर 3 फीसदी और 5 करोड़ से अधिक की आय पर 7 फीसदी की वृद्धि की है।
बजट की खास बातें-
5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
2-5 करोड़ की आय वालों पर 3 फीसदी अतिरिक्त कर लगेगा। 5 करोड़ से अधिक आय पर 7 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगेगा। 2 करोड़ तक की आय पर टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है। खाते से एक साल में एक करोड़ से ज्यादा निकासी पर 2 फीसदी टीडीएस लगेगा।
पैन कार्ड की जगह आधार कार्ड से भी भरा जा सकेगा आयकर।
सरकारी बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे। सरकारी बैंकों की संख्या घटाकर 8 की जाएगी।
सरकार हाउसिंग बैंक के रेगुलेशन को नेशनल हाउसिंग बैंक से हटाकर रिजर्व बैंक को देगी। इनका नया रेगुलेटर रिजर्व बैंक होगा। सरकार ने ऐलान किया कि लोन देने वाली कंपनियों को अब सीधा आरबीआई कंट्रोल करेगी।
सरकार 1 से 20 रुपये के नए सिक्के जारी करेगी।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 12% की जगह 5 फीसदी जीएसटी।
स्टार्टअप के जुटाए फंड पर इनकम टैक्स जांच नहीं करेगा। एंजेल क्स से छूट। अब 400 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाली कंपनियों को 25 फीसदी कॉर्पोरेट टैक्स देना होगा।
45 लाख तक का घर खरीदने पर 1.5 लाख की छूट।
हाउसिंग लोन पर 3.5 लाख रूपए तक ब्याज में छूट।एयर इंडिया को बेचने की प्रक्रिया एक बार फिर होगी शुरू। युवाओं को महात्मा गांधी के मूल्यों से अवगत कराने के लिए 'गांधीपीडिया'बनेगा।
बुनियादी सुविधाओं के लिए 100 लाख करोड़ का निवेश होगा।
सोने और बहुमूल्य धातुओं पर उत्पाद शुल्क 10 से बढ़कर होगा 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है वहीं पेट्रोल और डीजल पर 1-1 रुपये का अतिरिक्त सेस वसूला जाएगा और बीमा क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई।