जनसंख्या नियन्त्रण कानून की सुगबुगाहट से सकते में क्यों हैं मुस्लिम रहनुमा...
रिपोर्ट---रज़िया बानो खान 

 


 

जिस तरह हमारे देश की आबादी बढ़ रही है उस हिसाब से हमारा देश बहुत जल्द चीन से अधिक जनसंख्या वाला देश बनने की कगार पर है 1951 में जो  आबादी 36 करोड़ थी वो आज लगभग 1 अरब 36 करोड़ हो चुकी है जो देश के लिए एक सबसे बड़ी चिंता की बात है।अब मोदी सरकार ने इस पर चर्चा शुरू की है कल उन्होंने आज़ादी के जश्न के मौके पर जनसख्या नियंत्रण को ले कर बात की उसके बाद ओवेसी सरीखे नेता जो मुस्लिम के हमदर्द बनते हैं उन्होंने इसको मुस्लिमो के खिलाफ करार दे दिया।

 


 

आज के समय मे लोग सुविधाओ के लिए चिलमचिल्ली करते तो नज़र आते हैं लेकिन सुविधा कैसे मिलेगी इस पर बात करने से कतराते हैं मुस्लिम पक्ष के नेताओ को डर है के अगर सरकार ने कानून बनाया तो इसका सीधा असर मुसलमानो पर होगा और उनके खिलाफ ही सख्ती बरती जाएगी लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है कानून कोई भी बनता है तो वो मज़हब को आधार मानकर नही बनता ये शायद मुस्लिम नेता वोट बैंक के चक्कर मे भूल जाते हैं और अपनी अवाम को बरगलाने का काम करते हैं।

 


 

वैसे सरकार के लिए ये बेहद ज़रूरी है कि जनसँख्या नियंत्रण पर सख्त कानून बनाये क्योंकि आज हमारे देश मे जनसख्या विस्फोट जिस तरह से हो रहा है ये आने वाले भविष्य के लिए एक बड़ा खतरा साबित होगा।इस वक़्त देश की सबसे बड़ी जरूरत है जनसंख्या नियंत्रण कानून बने क्योंकि इसके बनने से देश की दशा और दिशा दोनो ही बदलेगी और ऐसी बदलेगी के देश और भी तरक्की की राह पर चल पड़ेगा इससे किसी हिन्दू मुसलमान का कोई अंतर ना घटेगा ना बढ़ेगा।