हर आंख थी ग़मज़दा जब सुषमा ने कहा अलविदा...

रिपोर्ट---दीपक ठाकुर 


 


 

सुषमा स्वारज की मृत्यु की खबर ने सबको सकते में डाल दिया किसी को यकीन नही हुआ कि वाकई अब सुषमा स्वराज उनके बीच नही रही बीती शाम से दिल्ली के एम्स और उनके घर पर उनके प्रति संवेदनाएं देने वालो का तां तां लगा हुआ था सभी की आंखें नम थी मानो किसी अपने को खोने का दुख हुआ है,सुषमा स्वराज किसी अपने से कम भी नही थीं भाजपा में रही तो भाजपा के उत्थान में अपना सर्वस न्यौछावर कर दिया मंत्री बनी तो देश की तरक्की पर पहुंचाने का हर सम्भव प्रयास किया इतना ही नही संसद से सड़क तक पार्टी की नीतियों को मजबूती से रखा और विपक्ष की भूमिका भी ऐसी की के सत्ता पक्ष के पसीने छुड़वा दिए ऐसी शख्सियत की धनी थी सुषमा स्वराज जिनकी आवाज़ आज भी हमारे कानो में गूंजती है।

 


 

ऐसी शख्सियत के अंतिम दर्शन को भला कौन नही आता क्या पक्ष क्या विपक्ष सभी उनको श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुंचे और नम आंखों से उनको विदाई दी राष्ट्रपित, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सहित तमाम पार्टी के लोग मंत्री और तो और विदेश से भी लोग आए और आंसू बहाए बगैर लौट ना पाए।सपा मुखिया मुलायम सिंह बसपा सुप्रीमो मायावती दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल  हो या राहुल गांधी सोनिया गांधी मेनका गांधी सभी ने उनकी मृत्यु पर गहरा दुख जताया साथ ही इसे देश की अपूरणीय क्षति की भी संज्ञा दी।

 


 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस क्षति को देश की राजनीति के एक युग के समापन के बराबर बताया तो वही रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज उनकी बड़ी बहन उनसे दूर हो गईं जिसका उन्हें बेहद अफसोस है और वो इतने ग़मज़दा है कि कुछ बोल भी नही पाएंगे तो वही राम गोपाल यादव घर के भीतर और बाहर दोनों जगह अपने आंसू छिपाते नज़र आये।सब यही कह रहे थे कि उनकी भाषा और भाषण अपने आप मे अद्वितीय था जिसकी कोई बराबरी नही कर सकता उन्होंने देश के लिए हर वो योगदान दिया जिसकी उनको ज़िम्मेवारी मिली थी कश्मीर से धारा 370 हटाया जाना भी उनका एक सपना था जिसे देखने के बाद ही दुनिया छोड़ने की बात खुद उन्होंने कही थी और हुआ भी कुछ ऐसा ही पर अफसोस वो इसे वास्तविक रूप में ढलते ना देख सकीं।।