गुलाम नबी से उनका क्या छिन गया जो वो मानसिक सन्तुलन खो बैठे

रिपोर्ट---रज़िया बानो खान



भारत सरकार ने कश्मीर से धारा 370 क्या हटाई के पड़ोसी मुल्क के साथ साथ कुछ अपने कहे जाने वाले भी तिलमिलाए नज़र आ रहे हैं।सरकार की इस कार्यवाही से सबसे ज़्यादा जिनको ठेस पहुंची है वो कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद है जिन्होंने इसका जमकर विरोध किया था और जब ना रोक पाए तो वहां शांति के लिए उठाए जा रहे सरकार के कदम पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं।

 


 

हमने कल ही देखा था कि कश्मीर के शोपियां में एनएसए अधिकारी अजीत डोभाल ने वहां के स्थानीय लोगो के साथ शांत वातावरण में बातचीत की साथ ही सबने मिलकर बिरयानी का भी लुफ्त लिया जिसकी पूरी देश ने सराहना की लगा कि वाकई कश्मीरियत भी यही चाहती है लेकिन गुलाम नबी साहब इसमे भी तिलमिलाते हुए बोले कि पैसा देकर कुछ भी किया जा सकता है।

 


 

गुलाम नबी आज़ाद ने ये भी कहा कि 370 कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाना गलत कदम है।अब ये वही जाने के वो ऐसी ऊलजलूल बातें क्यों कर रहे हैं जिसे सरकार तो क्या देश की जनता भी पसंद नही कर रही और इसका खामियाजा कहीं ना कहीं पूरी कांग्रेस पार्टी को उठाना पड़ सकता है।अब उनके इस बयान पर के पैसे लेकर किसी को भी साथ ले सकते हो पर भाजपा ने कहा कि गुलाम नबी आजाद को इस बयान के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।