देश भर में कांग्रेसियो ने मनाया पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गाँधी का 75 वां जन्मदिवस.....
खास रिपोर्ट---रज़िया बानो खान 

 

राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था। राजीव गांधी जवाहर लाल नेहरू के प्रपौत्र और फिरोज गांधी व देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पुत्र थे।राजीव गांधी सौम्य व्यक्तित्व वाले थे जो पार्टी के अन्य नेताओं से विचार-विमर्श करते थे और जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेते थे। 31 अक्टूबर 1984 को अपनी मां की हत्या के बाद राजीव को उसी दिन प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई और उन्हें कुछ दिन बाद कांग्रेस पार्टी का नेता चुन लिया गया। दिसंबर, 1984 के आम चुनाव में उन्होंने पार्टी की जबरदस्त जीत का नेतृत्व किया और उनके प्रशासन ने सरकारी नौकरशाही में सुधार लाने तथा देश की अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के लिए जोरदार कदम उठाए। उन्हें देश में सूचना प्रौद्योगिकी और संचार क्रांति का जनक कहा जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज 75वीं जयंती है। 20 अगस्त 1944 को जन्में राजीव गांधी देश के सबसे कम उम्र के पीएम बने थे।

 


 

 

ऐसे मिले राजीव-सोनिया

इटली के मध्यम परिवार से ताल्लुक रखने वाली एल्बिना माइनो उर्फ सोनिया गांधी ने कभी सोचा भी नहीं था कि उन्हें भारत के प्रभावशाली गांधी परिवार के चिराग से प्यार हो जाएगा और उनकी जिंदगी बदल जाएगी। बात है 1965 की। जब एल्बिना इंग्लिश की पढ़ाई पूरी करने के लिए कैंब्रिज गईं थीं, लेकिन घर की नाजुक स्थिति की वजह से वह एक रेस्तरां में पार्ट टाईम काम करती थीं, वहीं उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुई। मुलाकात कब प्यार में बदल गई पता ही नहीं चला। और शुरू हो गया प्यार का सिलसिला। राजीव की आंखों ने सोनिया को उनका कायल बना दिया। पहली नजर में प्यार की कहानियों के बारे में हमने खूब सुना है, लेकिन इन दोनों के प्यार के किस्से ने ये साबित भी कर दिया। दोनों एक दूसरे के प्यार में घिर गए।

 


 

जब तक भाई संजय गांधी जीवित थे, राजीव गांधी राजनीति से बाहर ही रहे, लेकिन एक शक्तिशाली राजनीति व्यक्तित्व के धनी संजय गांधी की 23 जून, 1980 को एक वायुयान दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी राजीव को राजनीतिक जीवन में ले आई। जून 1981 में वह लोकसभा उपचुनाव में निर्वाचित हुए और इसी महीने युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बन गए।

 


 

वर्ष 1987 में भी श्रीलंका में राजीव गांधी पर हमला किया गया था। यह हमला श्रीलंकाई नौसेना के जवान विजीता रोहाना विजेमुनी ने राइफल की बट से उस वक्‍त किया था जब श्रीलंका में शांति सेना भेजने के बाद राजीव गांधी वहां के दौरे पर गए थे। इस दौरान गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करने के दौरान राजीव गांधी सैनिकों के काफी करीब पहुंच गए थे, तभी उसने यह हमला किया। हालांकि राजीव गांधी के सुरक्षाकर्मी की सजगता से वह इस हमले में बाल-बाल बच गए थे। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर उसका कोर्ट मार्शल किया गया।

 


 

1989 में उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन वह कांग्रेस पार्टी के नेता पद पर बने रहे। उनके प्रधानमंत्रित्व काल में भारतीय सेना द्वारा बोफोर्स तोप की खरीदारी में लिए गए लिए गए कमीशन का मुद्दा उछला, जिसका मुख्य पात्र इटली का एक नागरिक ओटावियो क्वात्रोच्चि था। अगले चुनाव में कांग्रेस की हार हुई और राजीव को प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ा। अगले चुनावों में कांग्रेस के जीतने और राजीव गांधी के पुन: प्रधानमंत्री बनने की संभावना बहुत कम थी। 21 मई, 1991 को मद्रास से करीब 30 मील दूर श्रीपेरमबुदूर से राजीव गांधी चुनाव रैली को संबोधित करने जा रहे थे तभी एक आत्मघाती बम हमले में उनकी मृत्यु हो गई।

 


 

राजीव की हत्‍या की टीस 

राजीव गांधी का हत्यारा प्रभाकरण ने अपनी मौत से पहले जो जख्म देश को दिया उसकी टीस आज तक है। राजीव गांधी जनता से जुड़ रहे थे। राजीव के पास जाने उनसे मिलने को लेकर कोई बंदिश नहीं थी। कई बार तो राजीव को जनता ऐसे हाथों हाथ लेती जिसकी आज कल्पना भी नहीं की जा सकती। लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण और उसकी टीम ने इसी का गलत फायदा उठाते हुए खौफनाक साजिश तैयार कर राजीव गांधी की हत्या कर दी।

 


 

 *अमिताभ और राजीव की दोस्ती* 

 

 अमिताभ बच्चन और राजीव गांधी बचपन से ही दोस्त थे। दोनों एक-दूसरे से जब कभी मिलते तो मौज-मस्ती के साथ सुख-दुख की सारी बातें शेयर करते।बताया जाता है कि राजीव गांधी जब महज चार साल के थे तभी अमिताभ बच्चन से उनकी मुलाकात हुई थी। राजीव ने पहली बार अमिताभ को अपनी मां इंदिरा गांधी के गोद में देखा था। मां इंदिरा ने दोनों बच्चों की दोस्ती कराई जो आगे चलकर मिसाल बनी।

 


 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तीन साल के लंबे लव अफेयर के बाद राजीव गांधी ने सोनिया गांधी से शादी करने का फैसला लिया था। मां इंदिरा गांधी भी इस रिश्ते के लिए तैयार हो गई थीं।शादी के लिए 1968 में सोनिया गांधी पहली बार भारत आईं। हालांकि उनके साथ परिवार के दूसरे लोग इटली से नहीं आए थे। ऐसे में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के सामने सबसे बड़ी समस्या यह थी कि आखिर शादी को कैसे संपन्न कराया जाए, क्योंकि भारतीय रीति-रिवाज में शादी के दौरान दुल्हन को उसके पिता दान करने की रस्म को निभाते हैं।

 


 

जब राजीव ने अमिताभ से साझा की शादी की बात

 

इस बात को लेकर राजीव गांधी काफी परेशान थे। तभी वे इस समस्या को लेकर वह अपने सबसे अच्छे दोस्त अमिताभ बच्चन के घर पहुंचे। अमिताभ ने दोस्त राजीव की समस्या अपनी मां तेजी बच्चन और पिता हरिवंस राय बच्चन के सामने बयां की।अमिताभ बच्‍चन ने अपने पिता हरिवंस राय बच्‍चन और माता तेजी बच्‍चन को सुझाव दिया कि क्यों न सोनिया गांधी की शादी इसी घर में कराई जाए? अमिताभ का यह सुझाव सभी को पसंद आया।

 


 

सोनिया गांधी जब दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर 13 जनवरी 1968 को आईं तो अमिताभ बच्चन भी राजीव गांधी के साथ उन्हें रिसीव करने पहुंचे थे। भारतीय परंपरा के तहत सोनिया गांधी शादी के बिना राजीव के घर जा नहीं सकती थीं। इसलिए वह अमिताभ के घर पर ही ठहरीं। सोनिया 45 दिनों तक अमिताभ बच्चन के घर पर रहीं।

 


 

शादी का दिन तय होने के बाद अमिताभ बच्चन के घर में ही राजीव गांधी बारात लेकर पहुंचे। हरिवंश राय बच्चन ने सोनिया गांधी का कन्यादान किया। इस तरह सोनिया गांधी और राजीव गांधी की शादी अमिताभ बच्चन के घर पर संपन्न हुई।ये दोस्ती कई बरस रही राजीव की वजह से ही अमिताभ राजनीति में आये मगर बोफोर्स कांड ने ना सिर्फ उनकी दोस्ती तोड़ी बल्कि अमिताभ को राजनीति से भी बहुत दूर कर दिया।