उन्नाव रेप पीड़िता के दो और रिश्तेदारों की सड़क हादसे में मौत???
रिपोर्ट---रज़िया बानो खान

 


 

योगी सरकार के लिए चुनौती बन कर आया उन्नाव रेप कांड में पीड़िता को अभी तक न्याय तो नही मिल पाया लेकिन इस कांड के बाद से उसके अपनो की संदिग्ध अवस्था मे मौत होने का सिलसिला बदस्तुर जारी है।कल ही उन्नाव से रायबरेली जाते समय पीड़िता और उसके परिवार के दो सदस्य व उसका वकीक एक कार में सवार थे जिसका रायबरेली में भीषण एक्सीडेंट हो गया।इस दुर्घटना में पीड़िता और वकील गंभीर रूप से घायल हो गए जिनका इलाज लखनऊ के केजीएमयू में चल रहा है तो वही दूसरी तरफ इस दुर्घटना में पीड़िता की चाची और मौसी की मौके पर ही मौत हो गई।चाची और मौसी भी पीड़िता के बलात्कार केस में मुख्य गवाह थी।

 


 

आपको बता दें कि इससे पहले पिछले वर्ष पीड़िता के पिता और एक अहम गवाह की सन्दिग्ध अवस्था मे मौत हो चुकी है उसके बाद हुआ ये हादसा किसी साजिश की ओर इशारा करता दिखाई दे रहा है।जिस ट्रक ने पीड़िता की कार को ठोकर मारी उस ट्रक की नम्बर प्लेट को पेंट कर के उसका नम्बर छिपा दिया गया था। साथ ही ये ट्रक उल्टी दिशा में तेज़ी से पीड़िता की कार की तरफ ही आ रहा था।पीड़ित पक्ष का आरोप है कि ये साजिश किसी और कि नही बल्कि इस कांड के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की है जो जेल में होने के बावजूद इनके परिवार को अपने गुर्गों से धमकियां देता आ रहा है।

 


 

हालांकि पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया तो ये मामला एक एक्सीडेंट का लगता है जिसमे ड्राइवर और क्लीनर को गिरफ्त में भी ले लिया गया है।  इतना ही नही डीजीपी साहब ने कहा कि अगर परिवार सीबीआई जांच की मांग करेगा तो वो भी करवा दी जाएगी।लेकिन यहाँ ये सब इतना भी साधारण नही है जितना डीजीपी साहब बता रहे हैं क्योंकि इस एक्सीडेंट से कहीं ना कहीं किसी साजिश की बू ज़रूर आ रही है।जब सारे गवाह ही धीरे धीरे समाप्त हो जाएंगे तो केस खुद बखुद बन्द हो जाएगा और अपराधी सबूतों के आभाव में बाइज़्ज़त रिहा हो जाएगा जैसा हर आरोपी चाहता भी है।

 


 

बहरहाल अब इस मामले ने सियासी रंग भी ले लिया है इस मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरना भी शुरू कर दिया है।बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर इस मामले में न्यायालय से हस्तक्षेप करने की मांग की है तो वही कांग्रेस और समाजवादी पार्टी भी इसको लेकर सरकार को ही दोष दे रही है।वही दिल्ली से महिला आयोग की अध्यक्ष भी पीड़ित पक्ष से मिलने लखनऊ आने वाला है।

 


 

फिलहाल की जो स्थिति है उसको देखते हुए तो यही लगता है कि उन्नाव के बलात्कार कांड को लेकर यूपी सरकार एक बार फिर बैक फुट पर है और विपक्ष फ्रंट पर क्योंकि कानून व्यवस्था का पूरा दारोमदार सत्ता पक्ष का ही होता है जो फिलहाल भाजपा के हाथ है और आरोपी भाजपा का ही विधायक है।