मान ना मान मैँ तेरा मेहमान क्यों बनना चाहता है अमेरिका...
रिपोर्ट---रज़िया बानो खान

 


 

भारत और अमेरिका में दोस्ती है या अमेरिका पाकिस्तान को गोद लिए हुए है ये कहना बड़ा मुश्किल लगता है लेकिन फिलहाल सूत्र जो बता रहे हैं उससे तो यही लगता है कि अमेरिका पाकिस्तान को गोद मे बैठाए हुए है।पाकिस्तान के वजीरेआजम इमरान खान इन दिनों अमेरिका में है जहां वो रहम की गुहार लगाने गए हैं। रहम इस बात का के उनकी फंडिंग पर ब्रेक ना लगाइए और ज़्यादा से ज़्यादा दीजिये क्योंकि पाकिस्तान का क्या हाल है ये सिवाय पाकिस्तान के वजीरेआजम के सभी को पता है। वहां की जनता भी इमरान खान से दुखी है लेकिन साहब को काश्मीर चाहिए जो भारत का अभिन्न अंग है।

 



 

अमेरिका से जो खबर आ रही है उस पर अगर विश्वास किया जाए तो अमेरिका यहां दोहरा मापदंड लेते हुए नज़र आ रहा है......, एक तरफ तो वो पाकिस्तान की मुखालफत करता है जब हमारे पीएम वहां जाते हैं।वही दूसरी तरफ पाकिस्तान के वजीरेआजम के जाने पर उनका हमदर्द बनने की कोशिश में लगा दिखाई देता है।सूत्र बता रहे हैं कि पाकिस्तान ने अमेरिका में काश्मीर का मुद्दा उठाया और अमेरिका से इस मसले पर मध्यस्थता की पेशकश की। जिसको अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने हरी झंडी भी दे दी ये जानते हुए के भारत ने काश्मीर के मसले पर अपना स्टैंड क्लियर किया हुआ है.., कि कश्मीर के मुद्दे पर किसी बाहरी देश का हस्तक्षेप स्वीकार नही किया जाएगा।

 


 

अब ऐसे में ट्रम्प भारत के लिए क्यूँ मान ना मान मैँ तेरा मेहमान की भूमिका के लिए व्याकुल नज़र आ रहे हैं ये बात हमारे पल्ले नही पड़ रही।वैसे इस बात की अभी अमेरिका की तरफ से कोई आधिकारिक पुष्टि नही हुई है लेकिन बात निकली है तो दूर तक जाएगी।अब इस पर भारत क्या रुख अपनाता है ये देखना दिलचस्प रहेगा। क्योंकि ट्रम्प ने यहां तक कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री ने भी उनसे काश्मीर के मुद्दे पर उनसे मदद मांगी थी।

 


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