रिपोर्ट--- दीपक ठाकुर
गरीबी और बीमारी ये एक दोनों के ऐसे दुश्मन की तरह होते है कि जब भी इनका सामना होता है तो गरीब का विनाश तय ही माना जाता है।सभी जानते हैं कि आज के दौर में इलाज कराना कितना महंगा हो गया है , उस पर से बड़ी बीमारी में तो और भी लंबा खर्चा और फजीहत पक्की ही रहती है , जो गरीब आदमी के बस से बाहर ही होती है।इसी से मिलता जुलता एक मामला लखनऊ के ट्रामा सेंटर में देखने को मिला है जहां गोरखपुर से आई एक माँ ने अपने 3 माह के मासूम को मौत की नींद सुलाने में ही अपने और अपने परिवार की भलाई समझी।
अब इस खबर को जानिये एक परिवार गोरखपुर से लखनऊ आया अपने 3 एक माह के बच्चे के इलाज के लिए जिसको पैदा होते ही जोंडिस और लिवर में खराबी की शिकायत थी। गोरखपुर में इलाज संभव ना होने के कारण परिवार ने यूपी की राजधानी लखनऊ की शरण ली ताकि उसका बच्चा ठीक हो जाये। यहां 26 मई को उसे ट्रामा सेंटर में दाखिला मिला लेकिन 2 माह बीत जाने के बाद भी बच्चे की सेहत में कोई सुधार नही हुआ और परिवार अपना घर बार छोड़कर यहां इलाज में लगा रहा। आखिरकार उस बच्चे की माँ ने जो फैसला लिया वो वास्तव में तो अपराध की श्रेणी में आता है , मगर गरीब के लिए इससे बेहतर उपाय कोई और नज़र भी नही आता है।उस मां ने अपने गोद के मासूम बच्चे को ट्रॉमा सेंटर की चौथी मंजिल से नीचे फेंक दिया ये बात सिर्फ मां ही जानती थी , उसके पिता और इश्तेदार इस बात से अनजान थे।फिर मां ने अपने बच्चे की गुमशुदगी की बात फैला दी ताकि उसके पाप का किसी को पता ना चले , और वो आसानी से अपने घर गोरखपुर वापस चली जाए जहां उसके परिवार के सभी लोग रहते हैं।
लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था बच्चे की तलाश शुरू हुई तो सीसीटीवी फुटेज में जो दिखा उससे सभी स्तब्ध रह गये......,कि एक माँ ने अपने ही बच्चे को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया।अब वो मां पुलिस की हिरासत में हैं जिस पर हत्या का मुकदमा भी चलेगा। लेकिन सवाल यही है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी रही होगी जो एक माँ को हत्यारिन बनना पड़ा। क्या वो अपने मासूम बच्चे का दर्द बर्दाश्त नही कर पाई या उसकी गरीबी ने उसे ऐसा करनेको मजबूर किया।इसलिए हमारी भगवान से ये ही प्रार्थना है कि वो गरीबों को ला इलाज बीमारी ना दे।