यूपी की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान.....??? मेरठ में लोग हुये पलायन को मजबूर ...
रिपोर्ट---गोपाल सिंह......

 

पिछले कुछ दिनों से मीडिया में जिस खबर को लेकर खासी चर्चा है वो है उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक समुदाय का पलायन। ऐसा क्यों हुआ या हो रहा है इस पर भी सभी न्यूज़ चैनल अपनी अपनी रिपोर्ट दिखा रहे हैं उन सभी रिपोर्ट में जो एक बात कॉमन है वो ये है कि वहां कानून का राज नही चलता बल्कि जिसकी संख्या ज्यादा है उसी की तूती बोलती है नतीजतन एक समुदाय वहां रहना ही नही चाहता।

 


 

अब यहां बात ये समझ मे नही आती के जब प्रदेश के मुखिया कहते हैं कि यूपी में कानून का राज चल रहा है तो क्या वजह है जो ख़ौफ़ के चलते पूरा का पूरा मोहल्ला पुरानी जगह छोड़ रहा है इसका मतलब तो साफ है कि या तो योगी जी की बात में दम नही है और या तो जिनके कांधे पर कानून चलाने की ज़िम्मेवारी उन्होंने दी है वो अपना काम ठीक से नही कर रहे हैं।यहां दूसरी बात पे भरोसा करना सही है क्योंकि कानून के रखवाले उसी की सुनते हैं जिसकी तूती बोलती है और आम आदमी की बोलती कैसे बन्द की जाए ये उनसे बेहतर भला कौन जानता है।

 


 

मेरठ के प्रह्लाद नगर का हाल जब हमने भी देखा तो वहां कई घरों में ताले लटके नज़र आये माहौल लगभग सुनसान सा था घरों के आगे लिखा था ये घर बिकाऊ है अब ज़ाहिर है कोई अपनी खुशी से पुराना घर या पुरानी जगह छोड़ कर नही जाना चाहता उसके पीछे कोई ना कोई मजबूरी ज़रूर होती है।अब वहां के लोग बता रहे हैं कि यहां लड़को का झुंड ना सिर्फ उनको परेशान करता है बल्कि उनके बच्चों और महिलाओ के साथ बदतमीज़ी भी करता है वो पुलिस से शिकायत तो करते हैं पर पुलिस का कोई असर भी नही दिखाई देता है जिस कारण वो जगह छोड़ने को विवश हैं।

 


 

इसी मामले पर मेरठ के डीजीपी साहब ने बयान दिया था कि वहां के लोगो को समझाया गया है कि वो डरे नही पुलिस उनके साथ है अब उनके मोहल्ले में पुलिस गश्त की जाएगी तो डीजीपी साहब आप ये बताएंगे कि आपने एक्शन लेने में इतनी देर क्यों लगा दी क्यों आपकी वर्दी का ख़ौफ़ मेरठ के गुंडों में कम हो गया है क्यों आपकी पुलिस मजबूरों की बात नही सुनती नही आप कैसे बता सकते हैं आपको तो खुद मीडिया से पता चला कि प्रह्लाद नगर में ऐसा हो रहा है वरना तो आप और आपके मातहत आराम फरमा ही रहे थे तनखा तो आ ही रही थी जन सुरक्षा की भले जनता असुरतक्षित ही क्यों ना हो।