प्रदेश कानून व्यवस्था में सुधार योगी सरकार की प्राथमिकता लेकिन....!!!
रिपोर्ट---गोपाल सिंह 

 



 

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवथा का जो हाल है वो ये बताने के लिए काफी है कि यहां अपराध और अपराधी दोनों खुले हैं। यहां के ना जेल में जेल जैसा माहौल मिलता है और ना ही जेल के बाहर आम आदमी सुरक्षित है हाँ ये ज़रूर है कि अब हमारे मुख्यमंत्री इसको लेकर काफी गम्भीर हो गये हैं। शहर के ख़ौफ़ की आहट उनको भी सुनाई देने लगी है तभी उन्होंने कुछ सख्त काम किये और कुछ कामो के निर्देश भी दिए हैं।जैसे कई जेलों के जेलरों को कार्यमुक्त कर दिया क्योंकि उनकी कमान कैदियों पर ढीली थी,......तो कही पुलिस को निर्देश दिया कि गाड़ियां छोड़ो और पैदल गश्त पे रहो ताकि अपराधियों में खौफ हो...! लेकिन क्या सिर्फ निर्देश देने से माहौल बदलेगा ये एक बड़ा सवाल है।

 


 

अगर हम राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां जब से कानून की कमान एसएसपी कलानिधि नैथानी ने संभाली है तब से अपराध का ग्राफ बढ़ा है यहां पुराने लखनऊ में ट्रांसगोमती में लूट,हत्या और चोरी के कई मामले दर्ज हुए।अब ऐसे में क्या एसएसपी साहब पर कार्यवाही होने का मामला नही बनता जब कानून दुरुस्त करने की कमान उनको दी जा सकती है तो गलती होने पर उनसे छीनी क्यों नही जा सकती।मुख्यमंत्री जी तो कहते हैं कि यूपी के सभी अपराधी या तो यूपी छोड़ दें या उन्हें ऐसी जगह भेज दिया जाएगा जहां कोई जाना नही चाहता तो सरकार आप पुलिस में अपना खौफ क्यों नही ज़ाहिर करते हैं।

 


 

जब स्कूल में टीचर की अनुपस्थिति में बच्चे बवाल करते हैं तो क्लास का मॉनिटर बदला जाता है उसी तरह जब लखनऊ पुलिस अपराध रोकने में नाकाम हो रही है तो यहां एसएसपी साहब पर आपकी नज़रें इनायत क्यों है। यही विडंबना है आज के दौर की यहां जुगाड़ से तबादले कराने और रुकवाने का बड़ा सुंदर प्रचलन है यहां अपराध को रोकने की बात तो भरे मंच से की जाती है,.....और उस पर सख्त रुख अपनाने से सरकार भी कतराती है।

 


 

एसएसपी साहब का काम है सभी थानों को निर्देशित करना उनका रिपोर्ट कार्ड बनाना और शिकायत मिलने पर औचक निरीक्षण करना क्या हमारे एसएसपी साहब ने कभी ऐसा किया।अब तक के कार्यकाल में एक दो बार को छोड़ कर तो जवाब है नही हां जब सरकार सख्त होती है तभी ये हरकत में आते दिखाई देते हैं।मामला शांत होते ही ऐ सी के कमरे में दरबार सजाते हैं और वही से कानून व्यवस्था का पाठ पढ़ाते हैं।योगी जी आपको कप्तानों पर सख्त होने की ज़रूरत है इससे पहले की अपराध का ग्राफ आपको सत्ता से बाहर करे आप नाकाम कप्तानों को बाहर का रास्ता दिखाये तो बेहतर होगा आपके लिए भी और प्रदेश की राजधानी के लिए भी.......!!!!!