मुज़फ़्फ़रपुर में काल बनकर आया चमकी बुखार और नेता करते राजनीति..........
खास रिपोर्ट---रज़िया बानो खान......

 


 

बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में बच्चों के लिए काल बनकर आया चमकी बुखार ने अभी तक लगभग 180 बच्चो को मौत की नींद सुला दिया है वहां के अस्पताल में ना ही इस बीमारी से बचाव के कोई उपाय हैं और ना ही मरीजों को रखने के उचित  इंतज़ाम इसी बात को लेकर बिहार सरकार की भी काफी फजीहत हुई लेकिन नतीजा अभी तक ढाक के तीन पात ही रहा और मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।

 


 

वही दूसरी तरफ अब राजनैतिक पार्टियां उस पर भी सियासत करने से बाज़ नही आ रही पहले तो कोई वहां गया नही पर जबसे मीडिया ने मामला हाईलाइट किया तभी से उन्हें लगा कि बस यही जगह है जहां से उनकी दम तोड़ती सियासत को फायदा पहुंच सकता है।ये हम ऐसे ही नही कह रहे बल्कि वहां की जो तस्वीर सामने आ रही है वो उनकी सारी हक़ीक़त बयान कर रही है फिर चाहे वो काँग्रेस पार्टी के नेता हों या कोई और पार्टी के सभी लाव लश्कर के साथ अस्पताल जाते हैं और वहां जा सिवाय तमाशे के कुछ भी करते नज़र नही आते हैं।

 


 

और तो और मीडिया जब सामने आती है और उनसे सवाल पूछती है तो नेता और उनके चमचे भड़क जाते हैं साथ ही बदतमीज़ी पर उतारू हो जाते हैं उनको ना बच्चो के इलाज से मतलब है ना उनकी जान की परवाह वो तो बस हाईलाइट होने के लिए अपनी गैरज़रूरी उपस्थिति दर्ज कराने चले आते हैं।उनके आने से अस्पताल का माहौल तो बिगड़ता ही साथ ही बच्चो के इलाज में भी व्यवधान होता है पर उनको क्या मतलब किसी भी बात से साहब तो वीआईपी हैं लावलश्कर भी तो ज़रूरी है काम कोई करते नही तो असुरक्षा की भावना भी लाज़मी है।