रिपोर्ट---गोपाल सिंह.....
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय ने खूब बल्ला चलाया लेकिन किसी मैच में गेंद पर हमला नही बोला बल्कि उन्होंने नगर निगम के कर्मचारियों पर अपनी मैच प्रेक्टिस दिखाई जो वीडियों वायरल हुआ और उसके बाद पुलिस हरकत में आई साहब 11 दिनों के लिए जेल में भी भेज दिए गए है लेकिन ताज्जुब इस बात को देख कर हुआ कि विधायक पापा जी को अपने बेटे की गलती कही नज़र नही आई उन्होंने उसका पक्ष तो लिया ही साथ ही मीडिया रिपोर्ट को उस पर जवाब मांगने के एवज में उसकी औकात तक याद दिला दी।क्या विधायक जी गलती बेटे ने की सरकारी कर्मचारी को ऑन ड्यूटी मारने की और आप मीडिया से खफा हो ऐसा क्यों क्या मीडिया ने आकाश पर 5 मामले दर्ज कराए हैं नही नगरनिगम के उन कर्मचारियों ने मामला दर्ज कराया है जिनके साथ आपके पुत्र 20 20 खेल रहे थे वो भी सिर्फ बल्ले के साथ और तो और जुर्म कितना संगीन है ये बात इससे ज़ाहिर होती है कि गिरफ़्तारी के बाद कोर्ट से उन्हें ज़मानत भी नहीं मिली है।
आपको बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश को नगर निगम अधिकारी की पिटाई के बाद गिरफ़्तार किया गया था। कोर्ट ने आकाश को 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए है। मामला ये था कि इंदौर में नगर निगम कर्मचारी एक मकान तोड़ने आए थे मौक़े पर पहुंचे बीजेपी विधायक आकाश ने अधिकारियों को वहां से चले जाने के लिए कहा। लेकिन जब वो नहीं हटे तो आकाश हाथ में बल्ला लेकर आए और उनकी पिटाई शुरू कर दी।
अब इस मामले ने राजनैतिक रंग ले लिया है कांग्रेस पार्टी इसी मामले पर बीजेपी पे हमलावर है तो वही भाजपा इसको डिफेंस करने पर जुटी है एक तरफ मोदी जी बापू के दिखाए गए मार्ग पर चलने की नसीहत देते हैं तो वही दूसरी तरफ उनकी ही पार्टी के विधायक हिंसात्मक रुख के साथ जनता की सेवा करते नज़र आते हैं आज अगर बल्ला गेंद पर मारा होता तो तस्वीर और होती पर सरकारी कर्मचारियों पर ही खेल गए साहब तो जेल तो होनी ही थी।