एसएसपी साहब यातायात नियम का पालन ज़रूर कराइये लेकिन.....????
रिपोर्ट---रज़िया बानो खान......

 


 

यातायात के नियम को पालन कराने वाली एसएसपी साहब की ये पहल आजकल चर्चा का विषय बनी हुई है ये सख्ती कई मायनों में बहुत अच्छी है जिससे लोग प्रभावित भी हो रहे हैं खास कर वो लोग जो हेलमेट और सीट बेल्ट के इस्तेमाल से गुरेज करते थे उन्हें पुलिसिया सख्ती के कारण ऐसा करना पड़ रहा है लेकिन उनको ये समझना चाहिए कि हेलमेट और सीट बेल्ट के इस्तेमाल से आपकी जान तो सुरक्षित रहेगी साथ ही आपका परिवार भी बेफिक्र होगा जब आप गाड़ी चला रहे होंगे।इसलिए अपने और अपने परिवार की बेहतरी के लिए इसको झंझट ना समझ कर अपना ज़रूरी हिस्सा बनाएं यही एसएसपी साहब का अभियान है।

 


 

लेकिन आज कल सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक जिस बात की चर्चा है वो बात है हमारे एसएसपी महोदय के निर्देशानुसार उनको पकड़ा जा रहा है जो गाड़ी पे सीट बेल्ट नही लगाते और बाईक बिना हेलमेट के चलाते हैं ऐसी खबरें पिछले दो तीन दिनों से खूब प्रसारित हो रही है वो भी मौके के फोटो के साथ लेकिन क्या एसएसपी साहब ने ये नही कहा है के किसी को भी बेवजह ना परेशान किया जाए और उनकी बात को भी सुना जाए जिनसे ये गलती हुई क्योंकि जो खबरे हमारे पास आ रही हैं उससे तो यही लग रहा है कि अब पुलिस सिर्फ और सिर्फ चालान करने के ही काम को प्राथमिकता दे रही है किसी की मजबूरी से उसका कोई लेना देना नही।

 


 

एसएसपी साहब ने ये जो मुहिम चलाई है ये वास्तव में तारीफ के काबिल है इससे पहले भी नो हेलमेट नो पेट्रोल की तख्तियां लटकी दिखाई दिया करती थी पर ऐसा ज़्यादा दिन चल नही पाया इसलिए सख्ती करना ज़रूरी है लेकिन आपकी सख्ती किसी को परेशान ना करे ये देखना भी आपकी ही ज़िम्मेदारी है।

 


 

खबरें तो यहाँ तक आ रही है कि जिस हिसाब से चालान कटना चाहिए वो बिल्कुल भी नही हो रहा और तो और किसी को पहली बार पकड़ने पर समझाने वाली बात भी हवा हो गई है। सर और जो हेलमेट बटने के लिए आते हैं उस पर बन्दर बांट होने की खबरे आने लगती है तो कहना सिर्फ इतना ही है कि जो काम अच्छे उद्देश्य से किया जा रहा हो। उसे अच्छी मंशा के साथ ही पूर्ण किया जाये ये नही की अपनी खीज किसी और पर उतार कर मिशन की ही ऐसी तैसी कर दी जाये। बस चेकिंग अभियान के इस पहलू पर भी एसएसपी साहब नजरें इनायत करें यही आशा है।

 


 

निसंदेह ये अभियान राहगीरों और उनके परिवारों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह है इससे फायदा ही होगा ये बात भी तय है लेकिन इस अभियान की आड़ में आम राहगीरों से वो ज्यादत्ती ना हो ये देखना भी एसएसपी साहब का काम है क्योंकि किसी को जबरदस्ती नही सुधार सकते डर से मजबूरी काम करती है और समझाने से लोग उस काम की अहमियत को समझते हैं उसे सिर माथे लगाते हैं।यातायात नियम का पालन करना हर तरह से अच्छा है इसको लेकर लोगो को जागरूक होने की आवश्यकता है जो लगता है अब हो भी रहे हैं।