चमकी बुखार ने बिहार सरकार की फ़ज़ीहत...

खास रिपोर्ट---रज़िया बानो खान.......

 


 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कभी सोचा भी नही होगा कि उन्हें बिहार में ही इतनी आलोचनाओ का सामना करना पड़ेगा लेकिन कहा भी यही गया है के जैसी करनी वैसी भरनी और नीतीश कुमार के साथ जो हुआ वो इसी लिए हुआ।पूरा देश जानता है के बिहार में इस वक़्त बच्चो की जान संकट में है कई मासूम इस संकट से निकल नही पाए और मौत की नींद सो गए बल्कि कई बच्चे अभी भी भगवान के भरोसे अस्पताल में पड़े हुए हैं।पड़े हुए शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया क्योंकि वहां के अस्पताल के जो हालात हैं वहां बच्चो को ऐसे ही रखा गया है बिस्तर एक बच्चे 2 से 3 और सभी इंसेफेलाइटिस नामक बीमारी से ग्रसित हैं।


 


 

आंकड़े बताते हैं कि बिहार में पिछले 4 साल पहले भी इसी बीमारी ने लगभग 100 मासूमो को मौत की नींद सुला दिया था,फिर भी बिहार सरकार ने उस बीमारी पर ना गम्भीरता से काम लिया और ना ही इसके लिए सजग दिखाई दी अगर बिहार सरकार ने पिछली मौतों से सबक लिया होता तो आज ये नोबत ना आती आज नीतीश कुमार को वापस जाओ वापस जाओ के नारे ना सुनने पड़ते और ना ही कई परिवार के नौ निहाल असमय मौत की नींद सो गए होते।

 


 

इस बार ये बीमारी 135 बच्चो को ज़िन्दगी से हरा चुकी है लेकिन फिर भी नेता कहते हैं मौत तो बहाना है सबकी आती है अरे साहब आती तो सबकी है लेकिन आपकी ज़िम्मेदारी कुछ है भी के नही उनके प्रति जिनके वोट से आप राजा बनते है। आपके अस्पताल सब गंदे दिखाई देते हैं पानी पीने की जगह हो या मरीज़ के रखने की सभी गंदगी से पटे दिखाई देते हैं खाली हवा बाजी करने से सत्ता और शान नही हासिल की जाती साहब इसके लिए काम भी करना पड़ता है जो बिहार सरकार करती नही दिखाई दे रही अब  ऐसे में तो कहा जा सकता है कि उन बच्चों के परिवार की आह कहीं बिहार की बहार पर भारी ना पड जाये।

 



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