बुआ बबुआ का गठबंधन टूटने के बाद यूपी कांग्रेस में जागी आस...
खास रिपोर्ट---रज़िया बानो खान 

 


 

एक तरफ जहां खबरे आ रही थीं कि इस बार यूपी के उपचुनाव में कांग्रेस अपनी उम्मीदवारी नही पेश करेगी। लेकिन राजनीति के बनते बिगड़ते समीकरण को देखते हुए कांग्रेस ने भी अपना पाला बदल लिया है।अब कांग्रेस की यूपी कमेटी ने ये इच्छा जाहिर की है कि अगर आलाकमान हरी झंडी दे तो वो भी उपचुनाव में जी जान लगा कर चुनाव लड़ेगी।

 


 

यूपी कांग्रेस के नेताओ ने कहा कि उनको पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के आदेश का इंतज़ार है उनकी चाहत है कि मौजूदा परिस्थितियों में कांग्रेस भी चुनाव मैदान में आये और अच्छा प्रदर्शन करे।वैसे देखा जाए तो लोकसभा में कांग्रेस का यूपी से लगभग सूपड़ा साफ हो गया था,.... लेकिन उसका वोट प्रतिशत काफी सुधरा हुआ नज़र आ रहा था।अब जब इस उपचुनाव में सभी दल अकेले होंगे तो कांग्रेस ज़रूर अच्छा प्रदर्शन करेगी,..... बशर्ते उसको प्रदेश नेतृत्व ऐसा मिले जो कार्यकर्ताओ में नया जोश भर दे।

 


 

अब देखने वाली बात ये होगी कि कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस उपचुनाव को कितनी गंभीरता से लेता है,...... और अगर वो इसे गंभीरता से लेते हुए  उपचुनाव में वो अपना तुरुप का इक्का मतलब प्रियंका गांधी को चुनाव प्रचार प्रसार के लिए एक बड़ी ज़िम्मेवारी दे....... साथ ही बतौर अध्यक्ष जिसको भी कमान सौंपी जाये उसको इस तरह की रणनीति से परिपूर्ण बनाने का प्रयास किया जाये कि उसके लिए ये उपचुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नही होगा। ताकि वो पार्टी को तो साथ ले के चलेगा ही साथ ही प्रदेश की जनता तक भी सीधा संपर्क में रहे। ऐसा करना ही कांग्रेस की स्थिति को सुधरने या यू  कहे कि यूपी में उसकी बची कूची साख बचाये रखने में सफल हो सकता है।