आकाश विजयवर्गी को ज़मानत नही स्वागत देखकर तो ऐसा लगा जैसे किसी बॉडर से वापसी हो...
रिपोर्ट---रज़िया बानो खान.......

 


 

सरकारी कर्मचारी पर बल्ले से वार करने वाले आकाश विजयवर्गीय को तीन दिन बाद स्पेशल कोर्ट से जमानत मिल गई है और वो अब घर पर हैं।वैसे तो किसी के लिए भी ज़मानत पर घर आना बड़ी खुशी की बात होती है,....लेकिन आकाश के साथ ऐसा खुशनुमा माहौल बना जैसे वो ज़मानत पाकर नही बल्कि चुनाव या कोई जंग जीतकर घर आये हों।घर आते ही उनका स्वागत दरवाज़े पर नये दूल्हे की तरह किया गया फूलों की माला से लेकर उनकी नज़र उतराई और न्योछावर तक की रस्म अदा की गई,.......और तो और भाजपा पार्टी कार्यालय के बाहर उनके चाहने वाले ने हवाई फायरिंग तक कर डाली। जिसे देख कर ऐसा ही लगा कि आकाश विजयवर्गीय किसी ऐसी फिल्म का हीरो है जिसे बेक़सूर होने के बावजूद सज़ा दी गई हो और वो ज़मानत पर अपनो के पास आया हो।

 



 

वैसे ये तो तय था कि 10 दिनों तक आकाश जेल में रह नही सकते क्योंकि पहले तो वो खुद विधायक हैं और दूसरा कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र हैं और काफी पहुंच वाले हैं। लिहाजा स्पेशल कोर्ट ने उन्हें जमानत दी और वो घर आये,..... हालांकि फुटेज देख कर कोई भी यही कहेगा कि आकाश ने सरकारी कर्मचारी को बल्ले से मारा है वो इसके दोषी हैं। लेकिन अपनी करनी पर इन विधायक साहब को कोई अफ़सोस तक नही है।

 


 

स्वागत के बाद जब आकाश मीडिया से मुखातिब हुए तो उन्होंने दो टूक शब्दों में ये कहा कि उन्होंने जो कांड किया है उसके लिए वो ज़रा भी शर्मिंदा नही है। मतलब वो सब सोच समझ कर किया गया कृत्य था वैसे यही काम कोई आम आदमी करता तो लंबा गया होता। ये भी सब जानते हैं और हां आकाश तो ये तक कह गए कि जो जनता के साथ सलीके से पेश नही आएगा उसके साथ वो ऐसे ही पेश आएंगे उनके लिए जनता हित सर्वोपरी है।

 


 

अब आकाश को कौन समझाए के आपके जेल जाने के बाद जनता ने आपकी रिहाई के लिए कोई जदोजहद नही की कोई धरना प्रदर्शन भी नही किया। आपने जो किया वो खुद को साबित करने के लिए किया ये दिखाने के लिए किया कि आप भाजपा के विधायक है और आपकी तूती बोलती है। तभी तो आपका स्वागत गोलियों की तड़तड़ाहट के साथ हुआ,.... क्या ऐसा कभी किसी आम आदमी के साथ होते देखा या कभी सुना है। किसी ने नही सुना होगा क्योंकि आम आदमी समझता है कि गलत काम का प्रचार भी खास आदमी ही करता है।