ज़हरीली शराब ने बाराबंकी जनपद में ली एक दर्जन से ज्यादा जाने----
रिपोर्ट---रज़िया बानो खान.........

 

बाराबंकी में ज़हरीली शराब कांड के बाद कई लोगो के मरने और कई लोगो की हालत की गंभीरता को देखते हुये राजधानी लखनऊ के केजीएमयू प्रशासन को हाई अलर्ट कर दिया गया। जिसके बाद अबतक लगभग 30 से ज्यादा मरीजों को केजीएमयू के ट्रामा सेन्टर में भर्ती कराया जा चूका है। जिनका इलाज करने में डॉक्टर्स की टीम लगातार लगी हुयी है। 

 


 

मंगलवार की सुबह जहाँ राजधानी में बड़े जेष्ठ के मंगल की तैयारियों के साथ हनुमान जी के गुणगान की आवाज़े गूंज रही थी।वही राजधानी से लगे बाराबंकी जिले से ज़हरीली शराब पीने से काफी लोगो की हालत गंभीर होने के साथ ही कई लोगो के मरने की खबरे आने लगी।इस खबर से शासन प्रशासन जिन्हे आननफानन में बाराबंकी के अस्पतालों में इलाज के लिये भर्ती कराया गया।ज़हरीली शराब पीने से पीड़ित लोगो की हालत गंभीर होता देख उन्हें लखनऊ के ट्रामा सेन्टर इलाज के लिए रिफर किया गया।लाये गये गम्भीर मरीजों का इलाज अब ट्रामा सेन्टर में चल रहा है।वही ट्रामा सेंटर के चिकित्सा अधीक्षक की माने तो बाराबंकी से ज़हरीली शराब पीने से पीड़ित लोगो को ट्रामा सेंटर लाया जा रहा है जिनमे से अब तक 11 लोगो की मौत हो चुकी है।उन्होंने बताया यहाँ ३४ मरीज लाये जा चुके है जिनमे से 5 मरीज काफी सीरियस है जिन्हे वेंटिलेटर पर रखा गया है 2 मरीजों को डायलेसिस भी दिया जा रहा है और अन्य मरीजों का इलाज किया जा रहा है।उन्होंने बताया मिथाईल एल्कोहल होता है ये भी शराब की तरह ही होता है जो काफी ज़हरीला होता है जिसको पीने हार्ट गुर्दे आँखों पर असर पड़ता है ऐसे एक साथ शरीर के कई अंगो पर असर पड़ने से लोगो की जान भी चली जाती है।वही अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर्स की टीम मरीजों को अच्छे से अच्छा इलाज दे रही है। 

 


 

वही बाराबंकी के ज़हरीली शराब काण्ड से अब तक कई घरो के चिराग बुझने के साथ ही कई बच्चो के सर से पिता का साया और कई मांगे भी सूनी हो गयी है।वही पुलिस अधिकारी की माने तो घटना के बाद ही मामले की जाँच के आदेश देने के साथ ही मौके पर दुकान सीज़ कर दुकान के सेल्समैन को गिरफ्तार कर लिया गया है साथ ही तत्काल प्रभाव से स्थानीय इन्स्पेक्टर को सस्पेंट क्र दिया गया है और जो वह के क्षेत्राधिकारी है उनके खिलाफ विभागीय कारवाही की जा रही है।उन्होंने अभी तक की जानकारी के मुताबिक लोगो ने दो अलग अलग ब्राण्ड  की अवैध शराब पावर हाउस और विंडीज़ पी है।अब ये जाँच का विषय है कि जो शराब थी वो पहले से ही ज़हरीली थी या इन ब्रांड की बोतल में अलग से भर कर बेचीं जा रही थी।दोनों बिन्दुओ पर जाँच की जा रही है साथ ही पीड़ितों के घरो से बॉटल्स जप्त क्र उन्हें फोरेंसिक जाँच के लिये भेजा जा रहा है। ,अमले में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी चाहे वो शराब माफिया हो या विभागीय कर्मचारी सभी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। 

 

बाराबंकी में ज़हरीली शराब पिने से अब तक लगभग 15 से ज्यादा लोगो की मौत हो चुकी है। ये कोई पहला मामला नहीं है कि ज़हरीली शराब पीने से कई लोगो ने अपनी जान से हाथ धोया हो। पहले भी प्रदेश भर में ऐसे कई मामले हो चुके है।आपको बता दे जब ऐसी घटना होती है तो शासन प्रशासन पुलिस महकमे के साथ ही आबकारी विभाग हरकत में आ जाता है और मामले की जाँच करने के साथ ही अपराधियों के खिलाफ सख्त कारवाही करने की बात कहता है।पर वही कुछ दिनों बाद मामला ठंडा पड़ने पर सभी घटना को भूल जाते है और शराब माफियाओं का ये धन्धा आबकारी विभाग और पुलिस कर्मियों की मदद से फिर से फैलने फूलने लगता है।अब देखना ये होगा के बाराबंकी की इस घटना के बाद शासन प्रशासन इस मामले के कितने सख्त कदम उठता है ताकि भविष्य में किसी बच्चे को अपने पिता किसी पत्नी को अपने पति और किसी बूढ़े माँ बाप को अपने जवान बेटे से हाथ न धोना पड़े।