यूपी की फिजा से जुदा क्यों लगते है एग्ज़िट पोल के नतीजे ...

खास रिपोर्ट--- रज़िया बानो खान 

 


 


एग्ज़िट पोल पर विश्वास करना गलत इस लिए नही होगा क्योंकि वो एनडीए को भारी बढ़त दिखा रहा है,.... बल्कि उस पर विश्वास इसलिए संदेहास्पद लग रहा है। क्योंकि उसने उत्तर प्रदेश की जो तस्वीर दिखाई है वो ज़मीनी हक़ीक़त से परे नज़र आ रही है।अब जानिए यहां की हक़ीक़त असल में है क्या,तो चुनावी मौसम में तैयार हुआ महागठबंधन भाजपा के मुक़ाबले कहीं ज़्यादा भारी पड़ता हुआ दिखाई दिया है। हमने आफ द कैमरा कई मतदाताओं से बात की तो वो महागठबंधन की तारीफ करते नज़र आये। अब ज़ाहिर तौर पर तारीफ उसी की होती है जिसको आदमी चाहता है। तो यहां ये अंदाज़ा लगाना आसान था कि इस बार अखिलेश और माया का साथ यूपी को पसंद आया।

 

यहाँ हम सभी चेनलो को गलत नही कह रहे लेकिन अधिकतर चैनल ने अपने एग्ज़िट पोल में जो यूपी की स्थिति बताई है। वो सही नही लगती यहां ऐसा भी नही है कि एनडीए बिल्कुल धरातल पर चली जायेगी,....पर पहले नम्बर पर गठबंधन की दावेदारी पक्की ज़रूर नज़र आ रही है।जिसका प्रमुख कारण है सरकारी चाबुक उन गरीब लोगों पर ज़्यादा चला जो रोज़ कमाने खाने वाले है सभी ने देखा सुना होगा कि सड़कों पर ठेला लगाने वालों से यूपी में किस तरह की सख्ती दिखाई जा रही है। यही सख्ती लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए एक सबक बनकर सामने आने वाली है ऐसा खुद वो लोग बता रहे हैं जो भुक्तभोगी हैं।

 

वही रही सही कसर निकाल दी यहां की कानून व्यवस्था ने जहां आए दिन लूट हत्या का कोई ना कोई खबर सुनने को मिल ही जाता है। इसको लेकर भी जनता में आक्रोश व्याप्त है जनता चाहती है अपनी आवाज़ पीएम तक पहुंचाना वैसे तो मोदी सबको पसन्द है। बतौर प्रधानमंत्री लेकिन उनकी शिकायत प्रदेश स्तर की है जो वो इस बार अपने मतदाना के जरिये मोदी जी तक पहुंचाना चाहते है।ये सभी बातें उस जनता की जुबानी है जो यूपी में तो है पर यूपी के मौजूदा हालात से परेशान है।इसलिए वो भी एग्ज़िट पोल पर भरोसा नही कर रही वो कह रही है कि यहां गठबंधन ही बाज़ी मारेगा।