कांग्रेस की बड़ी हार से मची यूपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओ में मची खलबली...
खास रिपोर्ट---रज़िया बानो खान

 


 

लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से कांग्रेस पार्टी का लगभग सफाया हो गया है सूत्रों की माने तो एक ओर जहां कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुये खुद ही अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी हैं। तो वही दूसरी तरह यूपी में हुई पार्टी की दुर्गति को लेकर काँग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने भी अपना इस्तीफा केंद्रीय कमेटी को भेज दिया है।कयास ये भी लगाए जा रहे के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी को यूपी की कमान सौपी जा सकती है।लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या सिर्फ अध्यक्ष बदलने से कांग्रेस पार्टी की स्थिति में बदलाव आएगा या फिर ज़रूरत कुछ और ही बदलाव की है।

 

जैसा कि सबने देखा कि इस बार सोनिया गांधी के अलावा कोई भी कांग्रेसी उम्मीदवार पार्टी को जीत दिलाने में कामयाब नहीं रहा और तो और खुद यूपी के कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर अपनी सीट बचाने में कामयाब  नही हो पाए तो 2022 के विधान सभा चुनाव में पार्टी कैसे भाजपा को टक्कर देगी ये एक बड़ा मंथन का विषय है।

 

इस मामले में अगर कांग्रेस से बात की जाए तो उनके नेता खुद में कोई कमी नही मानते और सारा दोष भाजपा सरकार पर मढ़ते नज़र आते हैं। वैसे उनका ये भी मानना है कि कांग्रेस पार्टी के लिए प्रियंका गांधी बहुत ज़रूरी हैं क्योंकि उनके आने से पार्टी में ऊर्जा आती है जिस कारण आगामी विधान सभा मे रिजल्ट भी बेहतर सकते है।

 

वही दूसरी तरफ भाजपा अपनी आगामी जीत को भी लेकर आश्वस्त है उनका कहना है कि जैसे लोकसभा में विरोधियों को परास्त किया है। वही हाल 2022 के विधान सभा चुनाव में भी होना तय है उनका कहना है कि कांग्रेस जितने चाहे बदलाव कर ले लेकिन उसका अब विजयी पताका फैरना असंभव है।

 

ज़ाहिर है भाजपा लोक सभा चुनाव में मिली बंपर जीत से गदगद है यहां से उसे 60 से भी ऊपर सीटें मिली जो ये बताने के लिए काफी है कि योगी सरकार के काम से उत्तर प्रदेश की जनता खुश है।अब ऐसे में कांग्रेस 2022 में खुद को किस तरह प्रस्तुत करेगी ये देखने वाली बात होगी ये कहना गलत नही होगा कि केवल अध्यक्ष बदलने से पार्टी की दशा में सुधार होना मुश्किल है यहां बूथ लेबल से ज़ोर लगाने और बदलाव करने की भी ज़रूरत है तभी कांग्रेस से किसी चमत्कार की उम्मीद की जा सकती है।वही कार्यकर्ताओ और अन्य नेताओ के पहले से प्रियंका वाड्रा को पार्टी में शामिल कर अभी से 2022 की ज़मीन तैयार करने के प्रस्ताव पर अगर पार्टी के आला कमान गंभीरता से विचार करे तो शायद परिणाम सरकार बनाने में तो नहीं पर तो अपनी शाख यूपी की ज़मीन पर काबिज़ रखने में कही हद तक सफल साबित हो सकते है।