खास रिपोर्ट---रज़िया बानो खान
24 मई 2019 को सूरत से जो खबर आई उसने सभी को सहमा दिया लोग उन तस्वीरों को देख कर ग़मज़दा हो गए जिसमे दिखाया जा रहा था कि कैसे देश के भविष्य युवा वर्ग अपनी जान बचाने की जद्दोजहद में लगा है।आपको बता दें कि कल यानी 24 मई को सूरत के तक्षशिला कॉम्पेक्स में उस वक़्त आग लग गई जब उसी कॉम्पेक्स के चौथी मंजिल पर कोचिंग क्लास चल रही थी।वहां की आग इतनी भयावह थी कि लोगों में दहशत सी हो गई और तो और धुंए के गुबार ने सभी को जैसे तैसे वहां से भागने पर मजबूर कर दिया।इस आग से सहमे छात्र छात्राएं भी चौथी मंजिल से छलांग लागते नज़र आये वो भी इसलिए के शायद उनका ये प्रयास उनकी जान बचाने में कामयाब होगा। लेकिन जो हुआ वो बेहद दर्दनाक हुआ इस अग्नि कांड में कोचिंग की एक टीचर सहित 21 लोगों की मौत हो गई।
अब यहां सवाल यही है कि यहां जिनकी मौत हुई उनका कुसूर क्या था और जिसका कुसूर था उसको सज़ा मिलेगी या नही.....?सरकार ने मुवावजे का एलान कर के अपना कर्तव्य निभा लिया है वही कई अभिभावकों के घर के चिराग बुझ गए हैं।जैसी की खबरे गुजरात से आ रही हैं कि सूरत में फायरब्रिगेड के पास ऐसी सीढ़ी नही थी जो चौथी मंजिल तक पहुंच पाती और तो और इस काम्प्लेक्स में कोई आपातकालीन रास्ता भी नही था और ना ही आग से निपटने के पुख्ता इंतेज़ाम।
इस हादसे से उत्तर प्रेदेश को भी सबक लेने की ज़रूरत है यहां भी बड़ी बड़ी बिल्डिंगों में कोचिंग क्लासेस धडल्ले से चल रही हैं। कई जगह तो ऐसी हैं जहां सिर्फ एक सीढ़ी से जाना और वापस आना होता है।प्रदेश की राजधानी लखनऊ की बात करे तो यहां भी कोचिंग क्लास ने एक व्यापार का रूप ले लिया है बड़ी बड़ी होल्डिंग लगाकर कोचिंग संचालक अपना प्रचार करते हैं और बच्चों से मनमानी फीस भी वसूलते हैं। लेकिन मानकों को दरकिनार कर उनके जान से खिलवाड़ भी करते हैं ये बात तब उजागर होती है जब ऐसा कोई हादसा होता है।
शुक्रवार को गुजरात के सूरत मे चार मंजिला कोंचिग सेन्टर में लगी भीषण आग मे एक शिक्षिका के साथ 20 छात्रो की मौत से सबक लेते हुए राजधानी लखनऊ के फायर अधिकारियो ने शनिवार को बैठक कर राजधानी स्थित S.K.D,महिन्द्रा और आकाश समेत कई कोचिंग सेन्टर्स को नोटिस भी दिया है।वही फायर अधिकारी की माने तो शहर में इमारतों और कोचिंग संचालको ने न के बराबर विभाग से N.O.C ले रखी है जिनको कई नोटिस दिए जा चुके है।अब उन पर कार्यवाही करने की तयारी भी की जा चुकी है।उन्होंने ये भी कहा कि ऐसी घटनाओ को रोकने के लिए फायर विभाग को अपनी तरफ से पहल करने के साथ ही कोचिंग संस्थान के प्रबन्धकर्ताओं को भी आग से बचाव के इन्तजाम करने होगें।ताकि सूरत जैसी घटना की पुनरावृत्ति लखनऊ मे न हो और अगर किन्ही कारणो से होती भी है तो आग से बचाव के पर्याप्त इन्तजाम हो ताकि घटना विकराल रुप न ले सके।
हम आप से जानना चाहते है कि क्या ये ज़रूरी नही के हमारी सरकार इन कोचिंग क्लास पर भी अपनी नज़र जमाये। जहां मानकों की अनदेखी कर शिक्षा का व्यापार होता है।
क्या कोचिंग क्लास चलाने का कोई पैमाना नही तय किया जा सकता.....?
क्या भविष्य बनाने के लिए अपना भविष्य दांव पर लगाना जरूरी हो गया है.......?
क्यों ऐसी जगहों पर कोचिंग का संचालन होता है जहां आसानी से जान तक नही बचाई जा सकती आखिर क्यों,..... ???