हर हर मोदी के आगे प्रियंका फेक्टर हुआ फ्लॉप ...
खास रिपोर्ट--- रज़िया बानो खान 

 


 

उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां लोकसभा की सर्वाधिक सीटें हैं 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश से 70 के पार सीटें मिली थी जिससे उनका मनोबल तो बढ़ा ही था साथ ही केंद्र में सरकार बनाने की उनकी दावेदारी भी चट्टान की तरह मज़बूत दिखाई दी थी इस बार भजापा के लिए ऐसा ना हो ये कर पाना कांग्रेस पार्टी के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा था लेकिन कांग्रेस ने सोचा कि अगर प्रियंका को यूपी की बागडोर सौप दी जाए तो शायद मोदी मैजिक इस बार हाबी नही हो सकेगा और 2014 में अपनी खोई हुई ज़मीन वो दोबारा हासलि करने में कामयाब हो जाएगी।

 

प्रियंका गांधी अपनी पार्टी को बचाने के लिए चुनावी मैदान में आई और यूपी में ताबड़तोड़ रैलियां की उन्होंने अपनी कैम्पेनिंग में महिलाओं,बच्चो और नवजवानों से भी सीधा सम्पर्क साधा यहां तक के वो इस बार चुनाव लड़ने तक को आतुर दिखाई दे रही थी उन्होंने खुद कहा था कि अगर अध्यक्ष जी कहेंगे तो वो चुनाव भी लड़ने को तैयार है वो भी मोदी के खिलाफ।

 

प्रियंका के यूपी आगमन से कांग्रेस पार्टी में एक एनर्जी ज़रूर दिखाई दी थी उन सभी का मानना था कि इस बार परम्परागत सीट के अलावा भी उनका खाता यूपी में ज़रूर खुलेगा क्योंकि लोग प्रियंका को पसंद करते हैं लेकिन 19 मई की शाम जो एग्ज़िट पोल आया है उसने इस ओर साफ इशारा किया है कि प्रियंका का यूपी शो पूरी तरह फ्लॉप रहा और वो यहां से दो सीट ही जीत पाएगी जैसा 2014 में हुआ था।तो अब सवाल यही है कि क्या कांग्रेस पार्टी वाकई प्रियंका के बल पर दोबारा स्थापित होना चाहती है अगर हां तो चुनाव के वक़्त ही क्यों कांग्रेस को प्रियंका की याद आती है अगर पहले से योजना बनाते तो शायद प्रियंका शो हिट जाता और कांग्रेस यूपी में नम्बर तीन की पार्टी बन कर ना रह जाती जैसा एग्ज़िट पोल दावा कर रहा है।