दिल्ली और यूपी में कांग्रेस की शाख दांव पर कड़ी अग्निपरीक्षा...
खास रिपोर्ट--- रज़िया बानो खान 

 


 

कल यानी 23 मई एक ऐसा दिन जिसके बाद किसी बहाने और किसी आरोप की कोई गुंजाइश नही होगी क्योंकि इसी दिन ये फैसला हो जाएगा कि जनता कितनी कांग्रेस के साथ है और कितनी कांग्रेस के खिलाफ।अगर हम दिल्ली की बात करें तो वहां शीला दीक्षित की वो साख दांव पर लगी है जो उन्होंने अपने पीक टाईम में दिल्ली वासियों के बीच बनाई क्योंकि उसके लगातार दो बार वहां की मुख्यमंत्री रह चुकी शीला दीक्षित को इस बार भरोसा है कि दिल्ली की जनता उन्हें एक बार फिर लोक सभा की उन सभी सीटों पर जीत दिलाएगी जहां कभी कांग्रेस का कब्ज़ा था।दिल्ली की लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि इस बार कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी भी खुद को दिल्ली की लड़की बता कर वोट मांगने पहुंची थी।हालांकि एग्ज़िट पोल ने तो दिल्ली को लेकर कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखा दिया है लेकिन 23 मई की पिक्चर देखनी अभी बाकी है।

 

दिल्ली की तरह ही उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का वर्चस्व था लेकिन भाजपा ने उस पे ऐसी सेंध मारी की कांग्रेस की सियासी ज़मीन ही उजाड़ हो गई जो कांग्रेस आधी से ज़्यादा सीट अपने पास रखने का दम रखती थी उसे अब सिर्फ और सिर्फ राहुल और सोनिया गांधी ही सीट दिलाने में कामयाब होते दिखाई देते हैं मगर इस बार के एग्ज़िट पोल ने तो राहुल की अमेठी सीट में कांटे की टक्कर बता दी है या यूं कहें तो एग्ज़िट पोल ने राहुल को भी यूपी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है लेकिन एग्ज़िट पोल की खुलेगी पोल या होगा कांग्रेस का डब्बा गोल इसका फैसला 23 मई यानी कल हो जाएगा।

 

वैसे भी कांग्रेस दावा कर रही है कि इस बार यूपी और दिल्ली में उसकी सीटें बढ़ेंगी कांगेस की माने तो प्रियंका गांधी के प्रचार से उसे फायदा हो रहा है उसका खुद का आंकलन है कि कांग्रेस यूपी में मज़बूत होगी लेकिन दावों में कितनी सच्चाई है ये कल ही पता चलेगा जब ईवीएम का रिजल्ट सबके सामने आएगा ।